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मार्च, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

होली#holi par shayri#holi 2024#best shayri.

  1.   बुरा मत मानो होली का सीजन है।     रंग तो डालेंगे सरारत का भी परमिशन है।। 2.  आ रही हैं होली ससुराल भईया के जायेंगे।      सालियां भले हैं उनकी लेकिन गुलाल हम लगाएंगे।। 3.  2024 की होली हम इस कदर मनाएंगे।     मोहला भले दूसरे का हो लेकिन डीजे हमीं बजाएंगे।। 4.  अब गमों को भुलाकर मस्ती के साथ अपने काम में बिजी रहता हूं। होली का पर्व मुबारक हो सभी दोस्तों को ये तहे दिल से कहता हूं।। 5.  लोग तुम्हे कुछ भी कहें पर तुम चुप चाप रहना। फिर क्या बुरा न मानों होली हैं कहकर गुलाल लगाना  और चलते बनना।।

IP address कृष्ण की राह।

 महाभारत अर्जुन की प्रतिज्ञा महाभारत का भयंकर युद्ध चल रहा था। लड़ते-लड़के अर्जुन रणक्षेत्र से दूर चले गए थे। अर्जुन की अनुपस्थिति में पाण्डवों को पराजित करने के लिए द्रोणाचार्य ने चक्रव्यूह की रचना की। अर्जुन-पुत्र अभिमन्यु चक्रव्यूह भेदने के लिए उसमें घुस गया। उसने कुशलतापूर्वक चक्रव्यूह के छः चरण भेद लिए, लेकिन सातवें चरण में उसे दुर्योधन, जयद्रथ आदि सात महारथियों ने घेर लिया और उस पर टूट पड़े। जयद्रथ ने पीछे से निहत्थे अभिमन्यु पर जोरदार प्रहार किया। वह वार इतना तीव्र था कि अभिमन्यु उसे सहन नहीं कर सका और वीरगति को प्राप्त हो गया। अभिमन्यु की मृत्यु का समाचार सुनकर अर्जुन क्रोध से पागल हो उठा। उसने प्रतिज्ञा की कि यदि अगले दिन सूर्यास्त से पहले उसने जयद्रथ का वध नहीं किया तो वह आत्मदाह कर लेगा। जयद्रथ भयभीत होकर दुर्योधन के पास पहुँचा और अर्जुन की प्रतिज्ञा के बारे में बताया। दुर्य़ोधन उसका भय दूर करते हुए बोला-“चिंता मत करो, मित्र! मैं और सारी कौरव सेना तुम्हारी रक्षा करेंगे। अर्जुन कल तुम तक नहीं पहुँच पाएगा। उसे आत्मदाह करना पड़ेगा।” अगले दिन युद्ध शुरू हुआ। अर्जुन की आँखें ...